मान्यतानुसार माघ शुक्ल चतुर्थी को सर्वप्रथम गणेश तरंगे पृथ्वी पर आईं थीं। अत: इस दिन गणेश जयंती मनाई जाती है। दक्षिण भारतीय मान्यतानुसार इस दिन श्रीगणेश का जन्म हुआ था, अतः इस दिन को गणेशजी के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता हैं। तिल कुंड चतुर्थी पर गणपती का प्रभाव 1000 गुना अधिक कार्यरत होता है। गणेश के स्पंदन व चतुर्थी पर पृथ्वी का स्पंदन एक समान होने के कारण, पृथ्वी व गणपती एक-दूसरे हेतु अनुकूल होते हैं अर्थात इस दिन श्रीगणेश के स्पंदन पृथ्वी पर अधिक मात्रा में आता हैं।...
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